सांख्यिकी स्वयंसेवकों के साथ हो रहे अन्याय
सांख्यिकी स्वयंसेवकों के साथ हो रहे अन्याय पटना:- सांख्यिकी स्वयंसेवकों को 2012-13 में बिहार सरकार के द्वारा सांख्यिकीय कार्यो के लिये इन स्वयंसेवको की पात्रता परीक्षा लेकर बहाली हुई थी , लेकिन 2015-16 में नितिश कुमार ने केबिनेट की बैठक में पैनल को निरस्त कर दिया था । आज सांख्यिकी स्वयंसेवकों के संर्धष की बात करेंगे। जिन्होंने अपनी नौकरी पक्की करने के लिए कई आन्दोलन किए फिर भी आज तक सांख्यिकी स्वयंसेवकों सड़क पर है ये भी पढ़ें सांख्यिकी स्वयंसेवक को लेकर सोशल मिडिया पर उड़ रहे अपवाह सांख्यिकी स्वयंसेवकों को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अंचल निरीक्षक, कृषि विभाग के प्रखंड कृषि पदाधिकारी और योजना एवं विकास विभाग द्वारा आवश्यकता के अनुसार विभिन्न प्रकार के आंकड़ों के संग्रहण और प्रयोगों के लिए उपयोग किये जाते थे. इन्हें राज्य सरकार दैनिक कार्य या सरकार द्वारा तय मानदेय का भुगतान किया जाता था. फसल कटनी और योजना एवं विकास विभाग के तहत अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय को भी विभिन्न प्रकार की गणना के लिए कर्मियों की आवश्यकता बढ़ गयी थी. इसके लिए 2012-13 में 11384 और 2013-